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NETWORK MARKETING IS A SCAM

     शीर्षक: "नेटवर्क मार्केटिंग: बैचेन घोटाले से, समझें सही दौर पर!"  परिचय: नेटवर्क मार्केटिंग, जो बहुत बार एक लाभदायक मौका दिखाता है, उसमें चमक भी है और शक भी। क्या ब्लॉग में हम नेटवर्क मार्केटिंग के गहन परीक्षण में जाएंगे, इसके संकट भरे पहलुओं को समझें और पाठकों को सुचित निर्णय लेने में मदद करें।  नेटवर्क मार्केटिंग का ज्ञान: जबकी नेटवर्क मार्केटिंग का मूल भाव है उत्पादों या सेवाओं को सीधे वितरकों के नेटवर्क के माध्यम से बेचना। कुछ लोग सफल हासिल कर चुके हैं, लेकिन जरूरी है कि असली कारोबारी मॉडल और संभावना धोखा में अंतर किया जाए।  लाल झंडे पहचानें: नेटवर्क मार्केटिंग घोटाले को पहचानने में कुछ खास पहलू होते हैं। ज़्यादा शुरुआत खर्च, जल्दी धन की वादे, और उत्पादन के बेचने के लिए भारतीयों पर ज़ोर देना - ये सब आम लाल झंडे होते हैं। लोगों को इस तरह के संकेत पहचान में मदद करनी चाहिए ताकि वे खुद को धोखा से बचा सकें।  असली नेटवर्क मार्केटिंग और धोखा में अंतर: असली नेटवर्क मार्केटिंग कंपनियां और धोखा में अंतर करना जरूरी है। व्यवसायिकता, स्पष्ट विवाद, और वितरकों के लिए शिक्षण और

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा ( ram mandir pran prathistha)

 राम मंदिर महोत्सव: एक अद्भुत ऐतिहासिक घटना  भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिसा, राम मंदिर का महोत्सव, आज हमारे सामने है। 500 साल से अधिक का समय लगते हुए भी, आज ये सपना पूरा हो रहा है। क्या महोत्सव में सबको मिलके भाग लेना और एक उत्सव के रूप में मनाना हमारे संवेदनाशील भावनाओं को दर्शाता है। क्या अदभुत घाटनये हमेशा हमारे इतिहास में अमर रहेंगी, जिनमें शहीदों का कुर्बान और लोगों की तड़प का अंत हुआ। आज, क्या विजय को पूरा करने का समय आ गया है। जय श्री राम!  इतना बड़ा समय:  राम मंदिर का निर्माण एक ऐतिहासिक महायज्ञ था, जो 1528 में शुरू होकर 2024 में अपने अंत तक पहुंच जाएगा। इसमे लगभाग 500 साल से अधिक का समय लग गया। लेकिन ये समय भी एक मंथन का समय था, जिसमें भारतीय समाज ने अपनी एकता और समर्पण का प्रतीक बनाया।  जनता का साथ:  महोत्सव का मूल मंत्र है सबको साथ लेकर आना। जनता ने यह घाटनये अपने जीवन में गहरी से महसूस की है और उनका सहयोग भी इसमें महत्तवपूर्ण था। हर कोना-कोना से लोगों ने इस महोत्सव में अपना योगदान दिया। इसे दिखाता है कि राम मंदिर का निर्माण सिर्फ एक भव्य भवन का निर्माण नहीं

Game is a danger

गेमिंग: छात्र जीवन के लिए खतरा  रोहित शर्मा और शाहरुख खान जैसे मशहूर हस्तियों के समर्थन से बढ़ी गेमिंग संस्कृति ने छात्रों के लिए एक खतरनाक खतरा पैदा कर दिया है। लुभावनी आभासी दुनिया अक्सर ध्यान भटकाने वाली बन जाती है, जिससे छात्रों का ध्यान पढ़ाई और महत्वपूर्ण पारिवारिक समय से हट जाता है। में ये नही कह रहा की गेम पूरी तरह से खतरा हे क्युकी बहोट लोगो ने करियर बनाया हे गेमिंग में मेरे ख्याल से ऐसी गेम मत खेलो जैसे dream 11 ya my 11 circle jis me पैसा लगाना पड़ता है और आप बार बार हर जाते हो    **1. अकादमिक रसातल:  खेल की व्यापक प्रकृति से आकर्षित होकर छात्र खुद को एक अकादमिक रसातल में फंसा हुआ पाते हैं जहां अध्ययन के घंटों की जगह गेमिंग सत्र ने ले ली है। खेलना ही हे गेम तो उसको आप 1 घंटे से ज्यादा मत दो। और ज्यादा तर ध्यान अपनी पढ़ाई पे दो   गिरते ग्रेड और उपेक्षित असाइनमेंट इस सर्वग्रासी आभासी वास्तविकता के दुर्भाग्यपूर्ण दुष्प्रभाव बन जाते हैं।  **2. पारिवारिक रिश्ते तनावपूर्ण:  गेमिंग का प्रभाव शिक्षा से परे, आवश्यक पारिवारिक बंधनों को प्रभावित करता है। माता-पिता अक्सर खुद को दरक

STUDENT STRUGGLE LIFE

 दतना और काम में कोई सहयोग नहीं''  छात्र जीवन में अक्सर ऐसे पल आते हैं जब मम्मी-पापा का दाटना और रिश्तेदारों के साथ, साथ ही माता-पिता का किसी काम में समर्थन न मिलना, एक साझा संघर्ष बन जाता है।  1. मम्मी-पापा का दातना: ये पल जब घर से दूर रहने का फैसला लेते हैं, तो मम्मी-पापा का दतना एक आम अनुभव बन जाता है।  इसमें धैर्य और संचार का खेल बड़ा महत्व पूर्ण होता है। मम्मी पापा हमारी फिकर करते ही इसी लिए हमे डाटते हे तो अपनी पढ़ाई में ध्यान देना चाहिए   2. रिश्तेदारों के ताने: कभी-कभी रिश्तेदारों की तुलना और ताने, स्टूडेंट को डिमोटिवेट करते हे में बताना चाहूंगा रिस्तेदारो को गले मत लगाओ उनको पता ही नई होता उनका बचा क्या कर रहा है उन्ही की आदत होते ही सब बोलने की तो उसपे ध्यान मत दो और अपने करियर पर ध्यान दो कोई खिलाने नही आता है  खुद ही करना पड़ता है सब   3. काम में माता-पिता का समर्थन: अगर माता-पिता का किसी करियर विकल्प में समर्थन न हो, जब हम सब गलत काम करते हे तब तो समर्थन नई लेते ही तो अच्छे काम में क्यों उनको चाहिए बस सक्सेसफुल बेटा या बेटी तो अपने काम में ध्यान दो और आगे बढ़ो   नि